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।। हिंदुभूमी की हम संतान  ।।

 

हिंदूभूमी की हम संतान नित्य करेंगे उसका ध्यान

नील गगन में लेहरायेंगे भगवा अमर निशान ।।ध्रु।।

स्वार्थ छोडकर सब अपना माया ममता का सपना ।

नींद हमारी छोडे हम आगे कदम बढायें हम ।

कदम कदम पर हिल मिल गाये यह स्फुर्ती का गान ।।१।।

 

रामचंद्र की भूमी है यह नंदलाल की भूमी है यह ।

गद्दारोका काम नही है मक्कारोंका स्थान नही है ।

देशभक्त और नरवीरोंका प्यारा हिंन्दुस्थान ।।२।।

 

झगडे छोडे ऐक्य करे हम धर्म संस्कृती नच भूले हम ।

इतिहासोंकी साक्षी ले हम नरवीरोंका स्मरण कर हम ।

विपत् स्थितीसे मातृभुमीका करना है उत्थान ।।३।।

 

कार्य यही आसान नहीं है लेकीन डरना काम नही है ।

निशीदिनी कष्ट उठाना है कार्यपूर्ती अब करना है ।

मातृभूमीकी शान बढाने होना है बलिदान ।।४।।

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