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।। लाखो मुसीबते जहॉं ।।
लखो मुसीबते जहॉं, आगे कदम बढाये जा ।
आफत हजार आ पडे , ठोकर उन्हे दिलाये जा ।।ध्रु।।
वीर है तूं, शेर है, दुर्गाकी वह समशेर है ।
भूल चुके तो आपडे , याद उन्हे दिलाये जा ।।१।।
गोविन्द के दा लाल थे, हकिगतसे और निहाल थे ।
धर्म के इन शहिदको, नगमतराने गाये जा ।।२।।
जीजाबाई का शेर था, लढनेमे तो दिलेर था ।
जैसा वो फर्ज निभा गया , तैसा हि तू निभाये जा ।।३।।
शिवबा की यह पुकार है , राष्ट्रमें मारामार है ।
भगवा लहरा दो तूं हिन्दू , मता का दुख मिटाये जा ।।४।।
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